shiv chalisa lyrics in gujarati pdf - An Overview

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥

सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥

स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥

किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥

अर्थ- आपकी जटाओं से ही गंगा बहती है, आपके गले में मुंडमाल है। बाघ की खाल के वस्त्र भी आपके तन पर जंच रहे हैं। आपकी छवि को देखकर नाग भी आकर्षित होते हैं।

गले रुण्डमालं तनौ सर्पजालं महाकालकालं गणेशाधिपालम् ।

कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥

शिव पूजा में सफेद चंदन, चावल, कलावा, धूप-दीप, पुष्प, फूल माला और शुद्ध मिश्री को प्रसाद के लिए रखें।

सोमवार के दिन आप सब से जल्दी उठ जाए और उसके बाद स्नान करें फिर पूजा घर में शिव जी माता पार्वती और नंदी को स्थापित करें तथा उन पर गंगा जल चढ़ाएं उसके उपरांत भगवान शिव की प्रतिमा पर तिलक लगाएं और पूजा आरंभ करें ध्यान रखें जी आप सबसे पहले गणेश भगवान की आरती करें और उसके बाद ही आप शिवजी की चालीसा करें शिवजी shiva chalisa lyrics पर बेलपत्र अवश्य चढ़ाएं.

. शिव चालीसा लिरिक्स के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न होते हैं

द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र

पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी । करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥

Lord, if the ocean was churned as well as lethal poison emerged, out of the deep compassion for all, You drank the poison and saved the planet from destruction. Your throat turned blue, So You will be generally known as Nilakantha.

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